धातु-रूपाणि
स्था – तिष्ठ (ठहरना)
लट्लकार:(वर्तमानकाल:)
पुरुषः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथम | तिष्ठति | तिष्ठतः | तिष्ठन्ति |
मध्यम | तिष्ठसि | तिष्ठथ: | तिष्ठथ |
उत्तम | तिष्ठामि | तिष्ठाव: | तिष्ठाम: |
लृट्लकार: (भविष्यत्काल:)
पुरुषः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथम | स्थास्यति | स्थास्यत: | स्थास्यन्ति |
मध्यम | स्थास्यसि | स्थास्यथ: | स्थास्यथ |
उत्तम | स्थास्यामि | स्थास्याव: | स्थास्याम: |
लङ्लकार: (अतीतकाल:)
पुरुषः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथम | अतिष्ठत् | अतिष्ठताम् | अतिष्ठन् |
मध्यम | अतिष्ठ: | अतिष्ठतम् | अतिष्ठत |
उत्तम | अतिष्ठम् | अतिष्ठाव | अतिष्ठाम |
लोट्लकार: (अनुज्ञा/ आदेश:)
पुरुषः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथम | तिष्ठतु | तिष्ठताम् | तिष्ठन्तु |
मध्यम | तिष्ठ | तिष्ठतम् | तिष्ठत |
उत्तम | तिष्ठानि | तिष्ठाव | तिष्ठाम |
विधिलिङ्लकार (सम्भावना)
पुरुषः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथम | तिष्ठेत् | तिष्ठेताम् | तिष्ठेयु: |
मध्यम | तिष्ठे: | तिष्ठेतम् | तिष्ठेत |
उत्तम | तिष्ठेयम् | तिष्ठेव | तिष्ठेम |