धातु-रूपाणि
चिन्त् (सोचना)
लट्लकार:(वर्तमानकाल:)
पुरुषः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथम | चिन्तयति | चिन्तयतः | चिन्तयन्ति |
मध्यम | चिन्तयसि | चिन्तयथ: | चिन्तयथ |
उत्तम | चिन्तयामि | चिन्तयाव: | चिन्तयाम: |
लृट्लकार: (भविष्यत्काल:)
पुरुषः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथम | चिन्तयिष्यति | चिन्तयिष्यत: | चिन्तयिष्यन्ति |
मध्यम | चिन्तयिष्यसि | चिन्तयिष्यथ: | चिन्तयिष्यथ |
उत्तम | चिन्तयिष्यामि | चिन्तयिष्याव: | चिन्तयिष्याम: |
लङ्लकार: (अतीतकाल:)
पुरुषः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथम | अचिन्तयत् | अचिन्तयताम् | अचिन्तयन् |
मध्यम | अचिन्तय: | अचिन्तयतम् | अचिन्तयत |
उत्तम | अचिन्तयम् | अचिन्तयाव | अचिन्तयाम |
लोट्लकार: (अनुज्ञा/ आदेश:)
पुरुषः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथम | चिन्तयतु | चिन्तयताम् | चिन्तयन्तु |
मध्यम | चिन्तय | चिन्तयतम् | चिन्तयत |
उत्तम | चिन्तयानि | चिन्तयाव | चिन्तयाम |
विधिलिङ्लकार (सम्भावना)
पुरुषः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथम | चिन्तयेत् | चिन्तयेताम् | चिन्तयेयु: |
मध्यम | चिन्तये: | चिन्तयेतम् | चिन्तयेत |
उत्तम | चिन्तयेयम् | चिन्तयेव | चिन्तयेम |