संस्कृत भाषा पाठ 4 – हिंदी माध्यम छात्रों के लिए
पाठ का शीर्षक: संज्ञा और सर्वनाम
पाठ का उद्देश्य:
इस पाठ का उद्देश्य छात्रों को संज्ञा और सर्वनाम की पहचान करना और उनका प्रयोग करना सिखाना है।
1. परिचय:
संज्ञा और सर्वनाम दोनों ही संस्कृत व्याकरण के महत्वपूर्ण अंग हैं। यह जानना आवश्यक है कि संज्ञा क्या है और सर्वनाम कैसे संज्ञा की जगह लेता है।
2. संज्ञा (Noun):
संज्ञा किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु या भाव के नाम को कहते हैं।
उदाहरण:
– रामः (Ram) – व्यक्ति
– वृक्षः (Tree) – वस्तु
– नदी (River) – स्थान
वाक्य में प्रयोग:
– रामः विद्यालयं गच्छति। (Ram goes to school.)
3. सर्वनाम (Pronoun):
सर्वनाम वह शब्द है जो संज्ञा के स्थान पर प्रयोग होता है।
उदाहरण:
– सः (He)
– सा (She)
– तत् (It)
वाक्य में प्रयोग:
– सः गच्छति। (He goes.)
4. संज्ञा और सर्वनाम का अंतर:
- संज्ञा किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान का नाम होता है।
- सर्वनाम उस संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होता है।
5. अभ्यास (Practice):
नीचे दिए गए वाक्यों में संज्ञा और सर्वनाम की पहचान करें:
- गीता पाठं पठति।
- सः पुस्तकं पठति।
- वृक्षः स्थूलः अस्ति।
- सा गृहम् गच्छति।
6. उत्तर (Answers):
- संज्ञा: गीता, पाठं
- सर्वनाम: सः
- संज्ञा: वृक्षः
- सर्वनाम: सा
7. होमवर्क (Homework):
- पाँच वाक्य लिखें जिनमें संज्ञा का प्रयोग हो।
- पाँच वाक्य लिखें जिनमें सर्वनाम का प्रयोग हो।
पाठ समाप्त