श्रीमद्भगवद्गीता पर आधारित 80 अति लघु उत्तरात्मक प्रश्नों की सूची

श्रीमद्भगवद्गीता पर आधारित 80 अति लघु उत्तरात्मक प्रश्नों की सूची

अध्याय 1: अर्जुन विषाद योग

1. गीता का प्रारंभ कहाँ हुआ?
कुरुक्षेत्र में।


2. धृतराष्ट्र ने संजय से क्या पूछा?
युद्धभूमि में पांडव और कौरव क्या कर रहे हैं?


3. अर्जुन ने युद्ध से क्यों संकोच किया?
अपने संबंधियों को मारने के कारण।


4. धर्मक्षेत्र शब्द का क्या अर्थ है?
धर्म के पालन का क्षेत्र।



अध्याय 2: सांख्य योग

5. शरीर को गीता में क्या कहा गया है?
नश्वर।


6. आत्मा का क्या गुण है?
अविनाशी।


7. कर्मयोग का मुख्य सिद्धांत क्या है?
फल की चिंता किए बिना कर्म करना।


8. गीता में जीवन को क्या कहा गया है?
आत्मा की यात्रा।



अध्याय 3: कर्म योग

9. कर्म का महत्व क्यों है?
जीवन में संतुलन बनाए रखने के लिए।


10. कृष्ण ने अर्जुन को क्या उपदेश दिया?
निष्काम कर्म करने का।


11. अज्ञान को कैसे दूर किया जा सकता है?
ज्ञान से।


12. कर्मबंधन से बचने का उपाय क्या है?
ईश्वर को समर्पित होकर कर्म करना।



अध्याय 4: ज्ञान कर्म संन्यास योग

13. ज्ञान से कौन सी बाधा दूर होती है?
अज्ञान।


14. भगवान का जन्म कब होता है?
धर्म की रक्षा और अधर्म के नाश के लिए।


15. अध्यात्मिक ज्ञान कैसे प्राप्त होता है?
गुरु की शरण में जाकर।


16. कर्म का मूल आधार क्या है?
यज्ञ।



अध्याय 5: कर्म संन्यास योग

17. कर्मयोग और कर्मसंन्यास में श्रेष्ठ क्या है?
कर्मयोग।


18. शांति का मार्ग कौन सा है?
ईश्वर में लीन होना।


19. समत्व किसे कहते हैं?
सुख-दुख में समान भाव।


20. मुक्ति का प्रमुख साधन क्या है?
ज्ञान।



अध्याय 6: ध्यान योग

21. ध्यान के लिए सबसे उपयुक्त स्थान क्या है?
शांत और पवित्र।


22. योगी कौन है?
जो आत्मा में स्थित रहता है।


23. ध्यान का फल क्या है?
मानसिक शांति।


24. सर्वश्रेष्ठ योगी कौन है?
जो भगवान में लीन है।



अध्याय 7: ज्ञान विज्ञान योग

25. भगवान को जानने का क्या उपाय है?
भक्ति।


26. प्रकृति के दो रूप कौन से हैं?
अपरा और परा।


27. भगवान की शक्ति को क्या कहा गया है?
माया।


28. भक्तों के चार प्रकार कौन से हैं?
अर्थी, जिज्ञासु, ज्ञानवान और आर्त।



अध्याय 8: अक्षर ब्रह्म योग

29. मरने के समय किसका ध्यान करना चाहिए?
भगवान का।


30. भगवान का निवास स्थान क्या है?
अविनाशी।


31. सर्वोच्च योग क्या है?
भगवान का चिंतन।


32. अक्षर शब्द का अर्थ क्या है?
अविनाशी।



अध्याय 9: राजविद्या राजगुह्य योग

33. राजविद्या किसे कहा गया है?
भक्ति।


34. सबसे बड़ा पाप कौन दूर करता है?
भगवान की शरण।


35. ईश्वर कहाँ निवास करते हैं?
सबके हृदय में।


36. भक्ति का मुख्य गुण क्या है?
श्रद्धा।



अध्याय 10: विभूति योग

37. भगवान की विभूतियाँ क्या हैं?
उनके दिव्य रूप।


38. ज्ञानियों के लिए भगवान कौन हैं?
सब कुछ।


39. ईश्वर का प्रमुख गुण क्या है?
सर्वव्यापकता।


40. भगवान का स्वरूप क्या है?
अनंत।



अध्याय 11: विश्वरूप दर्शन योग

41. भगवान ने अर्जुन को क्या दर्शन दिए?
विश्वरूप।


42. विश्वरूप किसका प्रतीक है?
सृष्टि की व्यापकता।


43. अर्जुन ने भगवान को कैसे देखा?
अनंत और भयानक रूप में।


44. भगवान को देख कर अर्जुन ने क्या कहा?
प्रार्थना और क्षमा याचना।



अध्याय 12: भक्ति योग

45. भक्ति के कितने प्रकार हैं?
दो: साकार और निराकार।


46. सर्वश्रेष्ठ भक्त कौन है?
जो भगवान में लीन रहता है।


47. भक्ति का मुख्य साधन क्या है?
श्रद्धा और समर्पण।


48. भगवान को प्रसन्न करने का उपाय क्या है?
प्रेम।



अध्याय 13: क्षेत्र-क्षेत्रज्ञ विभाग योग

49. शरीर को क्या कहा गया है?
क्षेत्र।


50. आत्मा को क्या कहा गया है?
क्षेत्रज्ञ।


51. ज्ञान का उद्देश्य क्या है?
आत्मा का ज्ञान।


52. ईश्वर का मुख्य गुण क्या है?
सर्वज्ञता।



अध्याय 14: गुणत्रय विभाग योग

53. तीन गुण कौन से हैं?
सत, रज, तम।


54. सत्वगुण का फल क्या है?
शुद्धता।


55. रजोगुण का प्रभाव क्या है?
अशांति।


56. तमोगुण से क्या होता है?
अज्ञान।



अध्याय 15: पुरुषोत्तम योग

57. अश्वत्थ वृक्ष किसका प्रतीक है?
संसार।


58. पुरुषोत्तम किसे कहा गया है?
भगवान।


59. ज्ञान का सर्वोच्च रूप क्या है?
भगवान की प्राप्ति।


60. भगवान कहाँ स्थित हैं?
सबके हृदय में।



अध्याय 16: दैवासुर संपद विभाग योग

61. दैवी संपद का मुख्य गुण क्या है?
पवित्रता।


62. असुरी संपद का प्रमुख दोष क्या है?
अहंकार।


63. दैवी गुणों का फल क्या है?
मोक्ष।


64. असुरी गुणों का परिणाम क्या है?
बंधन।



अध्याय 17: श्रद्धा त्रय विभाग योग

65. श्रद्धा कितने प्रकार की होती है?
तीन: सत्व, रज, तम।


66. सत्व गुणी व्यक्ति किसका ध्यान करते हैं?
भगवान का।


67. रजोगुणी व्यक्ति किसे पूजते हैं?
धन और शक्ति।


68. तमोगुणी व्यक्ति क्या करते हैं?
अज्ञानता में रहते हैं।



अध्याय 18: मोक्ष संन्यास योग

69. मोक्ष का अर्थ क्या है?
आत्मा की मुक्ति।


70. सबसे बड़ा धर्म क्या है?
भगवान की शरणागति।


71. त्याग का सही रूप क्या है?
फल की अपेक्षा छोड़ना।


72. अध्यात्म का लक्ष्य क्या है?
भगवान का साक्षात्कार।






कुछ अन्य सामान्य प्रश्न:
73. गीता के रचयिता कौन हैं?
वेदव्यास।
74. गीता के कितने अध्याय हैं?
18।
75. गीता में कुल श्लोक कितने हैं?
700।
76. कृष्ण ने गीता का उपदेश किसे दिया?
अर्जुन को।

अति लघु प्रश्न
77. गीता का मुख्य विषय क्या है?
धर्म और कर्म।
78. गीता का उद्देश्य क्या है?
आत्मज्ञान देना।
79. अर्जुन ने किस कारण गीता सुनी?
मानसिक शांति के लिए।
80. भगवान को किस नाम से पुकारा गया है?
पुरुषोत्तम।

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