हरियाणा में अनुसूचित जातियों के आरक्षण लाभ हेतु वर्गीकरण
हरियाणा सरकार ने हाल ही में अनुसूचित जातियों के आरक्षण लाभ के लिए नई निर्देशिका जारी की है। दिनांक 13 नवंबर 2024 को जारी इस पत्र में सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जातियों के वर्गीकरण और आरक्षण नीति में बदलाव की जानकारी दी गई है। यह निर्देश हरियाणा के सभी प्रशासनिक सचिवों, विभाग प्रमुखों, बोर्डों और निगमों के अधिकारियों, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार, सभी संभागीय आयुक्तों और सभी उपायुक्तों के साथ-साथ विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रारों को भेजे गए हैं।
नए निर्देश और वर्गीकरण की विशेषताएं
1. वर्गीकरण:
अनुसूचित जातियों को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है:
वंचित अनुसूचित जातियाँ (DSC)
अन्य अनुसूचित जातियाँ (OSC)
2. आरक्षण का प्रावधान:
आरक्षण नीति के तहत, राज्य सरकार ने 20% कोटा में अनुसूचित जातियों के बीच आधा-आधा विभाजन किया है। इसके तहत, सीधी भर्ती के दौरान उपलब्ध पदों में से आधे पद वंचित अनुसूचित जातियों के लिए और आधे पद अन्य अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित किए जाएंगे। यदि योग्य उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होते, तो खाली पदों पर दूसरी श्रेणी के उम्मीदवारों को नियुक्ति दी जाएगी।
3. संयुक्त मेरिट सूची:
संयुक्त मेरिट सूची वंचित और अन्य अनुसूचित जातियों के उम्मीदवारों की तैयार की जाएगी और उनकी सीनियरिटी भी मेरिट के आधार पर तय की जाएगी।
4. रोटेशन प्रणाली:
यदि कुल रिक्तियों की संख्या विषम है, तो उन्हें बारी-बारी से वंचित और अन्य अनुसूचित जातियों को आवंटित किया जाएगा। इसके अलावा, पहले रिक्त पद वंचित अनुसूचित जातियों को बिना किसी बदलाव के प्रदान किए जाएंगे।
5. अन्य प्रावधान:
इस निर्देश के बाद जारी पहली रिक्ति वंचित अनुसूचित जातियों को प्रदान की जाएगी। यह नीति तत्काल प्रभाव से लागू होगी।
निष्कर्ष
हरियाणा सरकार का यह कदम सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। इसका उद्देश्य विभिन्न वर्गों के बीच संतुलन बनाना और वंचित वर्गों को अधिक अवसर प्रदान करना है। यह नीति तत्काल प्रभाव से लागू हो चुकी है और सभी संबंधित विभागों से इसे सख्ती से लागू करने का अनुरोध किया गया है।