शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2024: कक्षा 5वीं और 8वीं में परीक्षा और रोकने के प्रावधान

शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2024: कक्षा 5वीं और 8वीं में परीक्षा और रोकने के प्रावधान

भारत सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 में संशोधन किया है ताकि छात्रों की सीखने की गुणवत्ता और समग्र विकास को सुनिश्चित किया जा सके। यह अधिसूचना 16 दिसंबर, 2024 को जारी की गई और इसमें नई धारा 16A जोड़ी गई है, जिसमें कक्षा 5वीं और 8वीं के लिए परीक्षा और रोकने के प्रावधान शामिल हैं।

मुख्य बिंदु

1. परीक्षा और पुन: परीक्षा:

प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के अंत में कक्षा 5वीं और 8वीं में नियमित परीक्षा होगी।

यदि छात्र इस परीक्षा में पास नहीं हो पाता है, तो उसे परिणाम घोषित होने के दो महीने के भीतर अतिरिक्त निर्देश और पुन: परीक्षा का अवसर दिया जाएगा।



2. प्रवेशिका और रोकने के प्रावधान:

अगर छात्र पुन: परीक्षा में भी पास नहीं होता है, तो उसे उस कक्षा (5वीं या 8वीं) में रोक दिया जाएगा।

इस दौरान छात्र का शिक्षण और माता-पिता का मार्गदर्शन विशेष रूप से किया जाएगा, ताकि उनकी सीखने की कमी को दूर किया जा सके।



3. स्कूल प्रमुख की भूमिका:

स्कूल प्रमुख को उन बच्चों की सूची बनानी होगी जिन्हें रोका गया है और उन्हें विशेष सहायता दी जाएगी।

उनके विकास की निगरानी की जाएगी और उनकी शिक्षा की प्रगति का आकलन किया जाएगा।



4. परीक्षा का उद्देश्य:

परीक्षा और पुन: परीक्षा की प्रक्रिया क्षमता आधारित होगी, जिससे बच्चों के समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा।

यह परीक्षा किसी भी तरह की याददाश्त या प्रक्रियात्मक कौशल पर आधारित नहीं होगी।



5. बच्चों का निष्कासन:

किसी भी बच्चे को स्कूल से तब तक निष्कासित नहीं किया जाएगा जब तक वह अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी न कर ले।




यह अधिसूचना भारत में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव है। इसका उद्देश्य बच्चों की शिक्षा को मजबूती देना और यह सुनिश्चित करना है कि सभी बच्चे आवश्यक शैक्षणिक मानकों को पूरा करें।

यह संशोधन शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और बच्चों को बेहतर तरीके से पढ़ाई में मदद करने के लिए आवश्यक कदम है। इसके साथ ही, यह बच्चों और उनके परिवारों को एक सकारात्मक और सहयोगी शिक्षण माहौल प्रदान करता है।

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